मुंबई. फिल्मी दुनिया में कई सितारें ऐसे हैं, जिन्होंने गांव से निकलकर मायानगरी में अपनी अलग पहचान बनाई है. अब इन कलाकारों का इतना नाम है कि इनके लिए किरदार गढ़े जाते हैं. ऐसे ही एक कलाकार हैं ​पंकज त्रिपाठी. पंकज बिहार के छोटे से गांव के रहने वाले हैं, यहां से निकलकर आज वे बॉलीवुड में एक मुकाम बना चुके हैं. लेकिन पंकज आज भी अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं और गांव जाते रहते हैं. साथ ही वे अपने गांव के विकास के लिए भी काम करते रहते हैं. इस कड़ी में उन्होंने उस स्कूल की दशा सुधारी है, जहां वे कभी पढ़ाई करते थे.

पंकज ​त्रिपाठी का जन्म 28 सितम्बर 1976 को हुआ था. वे बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं. इस गांव के स्कूल में ​पंकज ने अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी. इस स्कूल के विकास के लिए जब वहां के प्रिंसिपल ने पंकज से बात की तो वे तुरंत इस अच्छे काम के लिए राजी हो गए.

स्कूल से है खास जुड़ाव
पंकज त्रिपाठी के अनुसार, ‘​बच्चों के विकास में शिक्षा का अहम योगदान है. ऐसे में जब प्राथमिक स्कूल के प्रिंसिपल ने मुझसे बातचीत की और बताया कि स्कूल की चारदीवारी और गेट बनाने के लिए रुपये की आवश्यकता है क्योंकि बाहर की तरफ सड़क है और बच्चे खेलते हुए उस तरफ चले जाते हैं तो दुर्घटना का खतरा रहता है. ऐसे में मुझे लगा कि यह मेरा दायित्व है कि मैं मदद करूं. साथ ही उस स्कूल में मैं खुद पढ़ा था इसलिए मेरा भी उससे जुड़ा भी था.’ पंकज ने अपने भाई की मदद से एक प्रोजेक्ट तैयार किया और रुपयों का इंतजाम कर स्कूल को रेनोवेट करवाया.

Pankaj’s School

पंकज का कहना है कि जब उन्होंने गांव के स्कूल का दौरा किया तो वह काफी खराब स्थिति में था. प्लास्टर गिर रहा था, रंग उतरा हुआ था, पंखे ठीक नहीं थे, लाइट की उपयुक्त व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में पंकज को लगा कि स्कूल और बच्चों के विकास के लिए इस दिशा में काम किया जाना जरूरी है. फिलहाल ‘मिर्जापुर’ के कालीन भैया यानी पंकज के इस कदम से पूरा गांव खासा खुश है.

Tags: Entertainment Special, Pankaj Tripathi



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