Assembly Election 2023: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के अरेस्ट होने के बाद आम आदमी पार्टी की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं. लेकिन इस संकट से उबरने के लिए पार्टी की ओर से राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सियासी जमीन तैयार करने के लिए रणनीति बनाई जा रही है. पिछले दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने जयपुर और भोपाल में दो बड़ी रैलियां करके कई संकेत दिए. सियासी गलियारों में चर्चा है कि आप के चुनावी मैदान में आने से कांग्रेस या भाजपा में से किसको सबसे अधिक नुकसान होगा? या जिस प्रदेश में जो पार्टी सत्ता में है उसे आप सबसे अधिक डेंट लगाएगी? इसके अलावा क्या आप पंजाब की तर्ज पर कोई बड़ा सियासी उलटफेर भी कर सकती? इन तमाम बिंदुओं को आंकड़ों और एक्सपर्ट के जरिए जरा आप भी समझिए. इन चुनावों में इतना तय है कि आप संगठन का दायरा और अधिक बढ़ जाएगा.

राजस्थान में क्या टकराव का लाभ उठाएगी आप?

राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ने 19 नए जिलों के ऐलान करके, पुरानी पेंशन स्कीम और अन्य सरकारी योजनाओं के दम पर सत्ता में वापसी का दावा किया है. लेकिन राजस्थान में सबसे बड़ा टकराव गहलोत और पायलट के बीच है. इस टकराव के जरिए आप राजस्थान में एंट्री की तैयारी में है. बताया जा रहा है कि आप का सबसे अधिक फोकस भी राजस्थान रहेगा, जिससे अच्छी संख्या में सीटें लाई जा सकें. क्योंकि यहां बीजेपी में भी कम विवाद नहीं है. इसका भी आप लाभ उठाना चाह रही है. इस प्लान में आप को कितनी सफलता मिलती है, यह देखना दिलचस्प होगा. 2018 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच वोट प्रतिशत का मामूली अंतर था. सीटों का भी गैप बहुत अधिक नहीं था. कांग्रेस को कुल 39.30% प्रतिशत मत मिले, जबकि भाजपा को 38.08% प्रतिशत मत मिले. कांग्रेस को 99 सीट और भाजपा को 73 सीटें आई थीं. बाद में उपचुनाव में कई सीटें बीजेपी हार गई थी, जिससे कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़ गई. एक तरह से कांटे की टक्कर थी. आप के मैदान में आने से मुकाबला और रोचक हो जाएगा.

मध्य प्रदेश में किसे पड़ेगी आप की सियासी मार?

एमपी 2023 विधान सभा चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधे टक्कर होगी, लेकिन आप एंट्री से मुकाबला और रोचक होने की संभावना जताई जा रही है. कई सीटों पर चौंकाने वाले नतीजे भी आ सकते हैं. जिस तरह से भोपाल की रैली में दिल्ली और पंजाब के सीएम ने सत्ताधारी पार्टी भाजपा के बजाय कांग्रेस को टारगेट किया, उससे संकेत साफ है कि आप कांग्रेस के वोट बैंक में सीधे सेंध लगाने की तैयारी में है. लेकिन उसमें आप कितना सफल होगी, यह देखना रोचक होगा. 2018 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को छह सीटें ही ज्यादा मिली थीं, जबकि वोट प्रतिशत कम मिले थे. कांग्रेस को 114 और भाजपा को 109 सीटें मिली थीं. कांग्रेस को 40.89% मत मिले. वहीं भाजपा को 41.02% प्रतिशत मिले थे. पिछले बार ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के साथ थे. इसका भी असर था. ज​बकि इस बार वह भाजपा से केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं.

छत्तीसगढ़ में कैसे होगी आप की एंट्री?

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए सबसे मजबूत किला माना जा रहा है. पिछले दिनों कांग्रेस ने रायपुर में पार्टी का महाधिवेशन किया. ऐसे में आप की यहां एंट्री कैसे होगी. पिछली बार 2018 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को बुरी तरह मात दी था. सत्ता में आने के बाद से सीएम भूपेश बघेल लगातार मजबूत होते गए. उनके विरोधी टीएस सिंह देव ने बीच में आवाज उठानी शुरू की थी, लेकिन अपनी सियासी दांव से बघेल उन्हें मात देने में सफल रहे. यहां कांग्रेस का मुकाबला सीधे भाजपा से है. इस बीच आप अपनी गोटी किस तरह बिछा पाती है, यह 2023 के चुनाव में नजर आएगा. जानकारों का कहना है कि आप की कोशिश रहेगी कि अधिक से अधिक वोट प्रतिशत मिल जाएं.

इन राज्यों में आप की हो चुकी एंट्री

– गोवा में आप को मिली दो सीटें 
गोवा के 2022 के विधान सभा चुनाव में आप को दो सीटें मिलीं. लगभग  6.77 फीसदी वोट मिले. एक तरह से आप के विस्तार में एक-एक राज्य जुड़ते जा रहे हैं. हालांकि यहां पर सरकार भाजपा ने बनाई, लेकिन आप की एंट्री से मुकाबला दिलचस्प हो गया था. यहां लगातार कांग्रेस हार रही है.

– उत्तराखंड में आप को मिले 3.3% वोट
2022 के विधान सभा चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत मिली. भाजपा  44.3% वोट और 47 सीटें लेकर प्रदेश की सत्ता पर कब्जा हो गई, लेकिन 2017 के मुकाबले 10 सीटें कम रहीं. कांग्रेस को 37.9% मिले, 8 सीटों में बढ़ोत्तरी हुई, लेकिन सरकार बनाने से चूक गई. बसपा को 4.82% मत मिले. आम आदमी पार्टी को 3.3% मत मिले, लेकिन एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हो पाई. जबकि पार्टी की ओर से सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत लगाई गई थी.

– गुजरात में आप ने लगाया कांग्रेस को डेंट 
गुजरात में आम आदमी पार्टी पहली बार चुनाव 2022 में लड़ी. पार्टी को 12.92% वोट मिले. पार्टी के खाते में पांच सीटें भी आईं, लेकिन इसका सबसे अधिक असर यह हुआ कि कांग्रेस महज 17 सीटों पर सिमट गई. कांग्रेस का वोट बैंक भी कम हो गया. जबकि भाजपा को रिकॉर्ड 52.50% मिले. 156 सीटें लेकर भाजपा ने ​गुजरात में नया इतिहास बना दिया.

‘आप को राष्ट्रीय स्तर पर लाभ होगा’

वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई ने बताया, ‘पिछले एक दशक में आप एक शहरी पार्टी के तौर उभरकर सामने आई है. दिल्ली नगर निगम को छोड़कर ज्यादातर चुनावों में आप ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने का काम किया है, जबकि भाजपा को किसी न किसी रुप में लाभ मिल रहा है. दिल्ली में एक तरह से आप ने कांग्रेस को खत्म कर दिया. पंजाब में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया. गुजरात और गोवा में कांग्रेस के वोट बैंक को कम कर दिया. अब मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होगी. ऐसे में आम आदमी पार्टी की एंट्री से  निश्चित तौर पर चुनाव के नतीजे प्रभावित होंगे. लेकिन भाजपा या कांग्रेस में किसे ज्यादा नुकसान होगा? इसे पिछले आंकड़ों के जरिए बेहतर तरीके से समझा जा सकता है. यह भी तय है कि वोट प्रतिशत के लिहाज से आप को राष्ट्रीय स्तर पर लाभ होगा.’

‘पंजाब जैसे करिश्मा की उम्मीद नहीं’

वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दलों को निश्चित तौर पर मामूली नुकसान पहुंचाएगी. आप के खाते में कुछ सीटें भी आ सकती हैं, लेकिन स्थिति गुजरात से कहीं अलग नहीं होने वाली. क्योंकि दिल्ली सरकार के दो मंत्रियों के जेल जाने के बाद आप की छवि पर असर पड़ा है. इसका असर विधान सभा चुनाव में देखने को मिलेगा, लेकिन पंजाब जैसे किसी करिश्मा की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.’

‘भाजपा को भी नुकसान होना तय’

चुनाव विश्लेषक यशवंत देशमुख के अनुसार, ‘आप का 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव लड़ने की स्थिति में गुजरात का रिपिटेशन होगा. आप के लिए यह चुनाव एंट्री भर होगी, जिसमें सबसे अधिक नुकसान कांग्रेस को हो सकता है. क्योंकि गुजरात में आप के कारण ही भाजपा को रिकॉर्ड वोट मिले. यह कहना भी गलत होगा कि आप केवल वोट काटने के लिहाज से इन राज्यों में एंट्री करेगी, क्योंकि आप दूसरे अटेंप्ट में पंजाब में सरकार बनाने में कामयब हुई है. इसलिए वोट कटवा पार्टी नहीं कहा जा सकता. अलगे एक दो चुनावों में जैसे ही आप का दायरा बढ़ेगा, भाजपा को भी नुकसान होना तय है. मोटे तौर पर ये चुनाव आप के लिए विस्तार का एक पड़ाव भर है’.



Source link

Previous articleJanhvi Kapoor on her Telugu debut film ‘NTR 30’: ‘I manifested it’
Next articleGeorgia woman arrested for impersonating GBI official

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here