Retinal Detachment: आंख हमारे शरीर का सबसे सेंसिटिव और महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगर ये नहीं तो हमारी दुनिया अंधेरी हो जाएगी. यही वजह है कि अक्सर आंखों का सही ध्यान रखने की सलाह दी जाती है. लेकिन आज के दौर में हर दूसरा व्यक्ति आंखों की कोई ना कोई समस्या से जूझ रहा है. बढ़ती आंखों की समस्या के पीछे हमारा असंतुलित जीवन और अन हेल्दी डाइट है. इसके अलावा हम एक लंबा वक्त लैपटॉप, मोबाइल को देखने में गुजार देते हैं. लापरवाही बरतने पर आपको आंखों से जुड़ी गंभीर रेटिनल डिटैचमेंट की समस्या भी हो सकती है, जिससे आपकी आंखों की पूरी रोशनी भी जा सकती है. जी हां ये एक गंभीर स्थिति है जिसे मेडिकल इमरजेंसी माना जाता है. आइए जानते हैं विस्तार से इसके बारे में.

क्या होती है रेटिनल डिटैचमेंट की समस्या?

रेटिनल डिटैचमेंट एक ऐसा कंडीशन है जिसमें आंखों का पर्दा फट जाता है. इसमें रेटीना आंखों की पिछली परत से अलग हो जाती है. इस कारण रेटिना तक खून का संचार कम होने लगता है. रेटीना अगर ज्यादा समय तक अलग रहे तो व्यक्ति अपने दृष्टि हमेशा के लिए खो देता है. रेटिनल डिटैचमेंट की शुरुआत होने पर आपकी आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है और धीरे-धीरे आप की रोशनी कम होने लगती है. वक्त पर इलाज न किया जाए तो आप हमेशा के लिए अंधे हो सकते हैं.

रेटिनल डिटैचमेंट के कारण

रेटिनल डिटैचमेंट की समस्या होने पर आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है.यह समस्या बढ़ती उम्र में ज्यादा देखने को मिलती है. आपको बता दें कि बढ़ती उम्र में आपकी आंखों में मौजूद फ्लूड जिससे विट्रियस जेल कहा जाता है वो कम होने लगता है. इसका आकार बदलने पर आपका रेटिना फट सकता है.इसके अलावा अगर व्यक्ति को किसी तरह की आंखों के आस पास इंजरी होती है तब भी यह समस्या हो सकती है.जिन लोगों की मोतियाबींद की सर्जरी हुई होती है उन्हें भी ये समस्या हो जाती है.

रेटिनल डिटैचमेंट के लक्षण

जब आंखों का पर्दा फट जाता है तो आपकी नजरों में फ्लोटर से ज्यादा नजर आने लगते हैं. जब आप आसमान की तरफ देखते हैं तो कुछ आकृतियां तैरती नजर आती है, इन्हें फ्लोटर कहते हैं. रेटिना डिटैचमेंट होने के शुरुआती समय में ज्यादा फ्लोटर्स नजर आएंगे. फिर नजरों के सामने धीरे-धीरे अंधेरा छाने लगेगा और इसके बाद दिखाई देने लगना बंद हो जाता है.इसके अलावा अचानक से लाइट का चमकना और आंखों का बोझिल हो जाना भी इसमें शामिल है.

क्या है इसका इलाज

मरीज के कंडीशन पर ही इसका इलाज किया जाता है. इस समस्या में इलाज में टॉर्न रेटिना सर्जरी, लेजर सर्जरी या फोटोकोआगुलेशन, फ्रीजिंग ट्रीटमेंट या क्रायोपेक्सी और डिटैच्ड रेटिना सर्जरी की जाती है

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें- Dandruff Solution: नहीं कम हो रहा है बालों से डैंड्रफ…आज ही ट्राई करें ये हेयर ऑयल्स छूमंतर हो जाएगी रूसी

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator



Source link

Previous articleIndia’s Forex Kitty Drops By USD 2.39 Billion To USD 560 Billion: RBI
Next articleCustomer Reacts Aggressively After Brewery Owner Films Him For Promo Video

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here